यमुना की अविरलता और निर्मलता के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार के प्रयास बीते करीब तीन दशकों से बेशक कामयाब न हो सके हों, लेकिन 10 दिन के लॉकडाउन के दौरान नदी ने खुद ही अपने को साफ कर लिया है। नदी का जल नीला होने साथ ही नजदीक जाने पर उसकी तली भी इस वक्त दिख रही है। लॉकडाउन से पहले काले पानी से लबालब नदी दूर से नाले सरीखी नजर आती थी। यानी यमुना ने खुद को पुनर्जीवित करने का अपना मॉडल पेश कर दिया है। कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट के इस दौर में विशेषज्ञ नदी की अपने स्तर पर की जाने वाली साफ-सफाई को भविष्य के मॉडल के तौर पर देख रहे हैं, जिसके सहारे सभी नदियों को पुनर्जीवित करना संभव हो सकेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केंद्र व राज्य सरकारों ने लॉकडाउन के दौरान नदी के इस नैसर्गिक मॉडल को समझ लिया और उसके अनुसार योजनाएं बनाईं तो बगैर बड़े पैमाने पर मानवीय व वित्तीय संसाधन लगाए नदियों को साफ-सुथरा रखा जा सकेगा। इससे देश की बड़ी आबादी की जल संकट की समस्या भी दूर होगी।
यमुना का 'काला जल' अब हो गया साफ़
• Arun Choudhary